विजय सिन्हा,
देवघरः प्रदेश कोर कमेटी सदस्य एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा मुकेश कुमार साह ने रविवार को बताया कि सरकार के सौतेले व्यवहार से रामनवमी त्योहार पारा शिक्षकों की फीकी रही। विगत नवंबर माह से वंचित पारा शिक्षकों को मात्र एक माह का मानदेय रामनवमी से पूर्व देने की घोषणा की गई थी।
लेकिन सरकारी मशीनारियों के लेट लतीफ का नतीजे पारा शिक्षकों को वो भी नसीब नहीं हुआ। बताया कि प्रदेश के लगभग कई अखबारों में न्यूज जारी कर दी गयी कि पारा शिक्षकों को जनवरी तक का बढ़ा हुआ मानदेय रिलीज कर दी गई ।
लेकिन सच्चाई कुछ और है। ज्ञात हो पूरे प्रदेश के पारा शिक्षक 15 नवंबर 18 से 16 जनवरी 19 तक अपनी चिर परिचित वर्षों पूरानी मांग ’स्थायी एवं वेतनमान’ की मांग को लेकर हड़ताल पर थे, जिस दरमियान दर्जनों पारा शिक्षक कड़कड़ाती ठंड एवं आर्थिक तंगी से काल के गाल में समा गए। लेकिन इस सरकार की कानों में जू तक नहीं रेंगी।
विडंबना देखिये लंबे समय तक अपनी मांगों को लेकर पारा शिक्षकों ने विधायक आवास से लेकर भिक्षुओं की तरह भिक्षाटन भी क्या परन्तु सरकार ने सुध कभी नहीं लिया और वर्तमान परिस्थिति में बदले की भावनाओं से छुब्ध होकर सोची समझी साजिश के तहत इन्हें मानदेय से मरहूम रखी जा रही है।